सितम्बर 2023 अंक का विषय
हिन्दी हमारी, सबसे न्यारी——-
पुरस्कृत
हिन्दी है भारत की भाषा, जन-जन की अभिलाषा प्यारी।
कालजयी भाषा है हिन्दी, देवनागरी लिपि अवतारी।
संस्कृत की बेटी संस्कारी, हिन्दी हमारी सबसे न्यारी।
सब भाषाओं की जननी, हिन्दी बने पहचान हमारी।
-नमिता वैश्य, मसकनवा, गोण्डा (उ-प्र-)
अन्य चुनींदा प्रविष्टियां
हिन्दी हमारी सबसे न्यारी
ये संस्कृति का प्राण है
ये देश का गौरव है
हिन्दी से हमारी पहचान है
-गजानन पाण्डेय, हैदराबाद
‘निज भाषा उन्नति अहै, सब भाषा को मूल
बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटे न हिय को शूल।
बोलो हिंदी हमारी, सबसे न्यारी,
यह बात कभी न भूल प्यारे, बात कभी न भूल।’
-मंजू चौकसे, नवेगांव, बालाघाट (म-प्र-)
ऐ मेरे वतन के लोगों हिंदी को न भुलाना
हिंदी हमारी सबसे न्यारी,
सबको ये तुम बताना।
–सुहानी नशीने, बेहाला, कोलकाता (प-बं-)
हिन्दी हमारी सबसे न्यारी
सुंदर सरल राष्ट्रभाषा हमारी
पढ़ने-पढ़ाने में सहज है हिंदी
जन-जन की भाषा है हिंदी
देश को एक सूत्र में बांधे हैं हिंदी
विरासत में मिली संस्कृति है हिंदी
हो रही हिंदी की जय जयकार
हिंदी पर हम सबको अभिमान
-शिखा अग्रवाल, देहरादून
राष्ट्र की प्रगति का आधार है हिंदी
मनुज संवेदनाओं का उद्गार है हिंदी
भारत का गौरव के माथे की बिंदी
सभ्यता और संस्कृति का प्राणधार है हिंदी
भाव विनिमय का सरल माध्यम है हिंदी
हिंद की शान, हिंदी हमारी सबसे न्यारी।।
-रेखा सिंघल, भेल, हरिद्वार
हिंद का गौरव, पहचान हमारी
हिंदी हमारी सबसे न्यारी प्यारी
बहे जब हिंदी की अनवरत धारा
राष्ट्र बंधता एक सूत्र में सारा
हिंदी हमारी सांस्कृतिक विरासत
हिंदी हिंद की कोहिनूरी रियासत।।
-सुरेश चन्द्रा, भेल, हरिद्वार
हिन्दी हमारी सबसे न्यारी, हम सबकी प्यारी व दुलारी।।
विचारों की अभिव्यक्ति, हर बात की स्पष्ट उक्ति।।
अन्य भाषा में नहीं संभव, जितनी अपनी में संभव।।
हमारे राष्ट्रीत्व की प्रतीक, चलें हम सब इसी की लीक।।
-गोकुल चंद गोयल, सवाईमाधोपुर (राज-)
हिन्द देश के हम रहने वाले,
हिंदी हमारी शान है।
मत भूलो अपनी मातृभाषा,
यही हमारी जान है।।
हिन्दी हमारी, सबसे न्यारी,
यह वेदों की खान है।
क,ख,ग, में बचपन बिता,
हिन्दी से हमारी पहचान है।
-मंजु गुप्ता, वेरावल गिर सोमनाथ (गुजरात)
संस्कृत माँ की सुता दुलारी, हिंदी हमारी, सबसे न्यारी।
वैज्ञानिक, मानक, संस्कारी, हिंदी हमारी, सबसे न्यारी।
सरल, सुबोध, सुविकसित भाषा, देवनागरी लिपि उत्तम
खिली राष्ट्रभाषा फुलवारी, हिंदी हमारी, सबसे न्यारी।
-गौरी शंकर वैश्य विनम्र, लखनऊ
समस्यापूर्ति
नवम्बर अंक का विषय है-
‘आओ दीप से दीप जलाएँ———–’
यदि आप कविता में रुचि रखते हैं तो उपरोक्त पंक्ति के आधार पर कविता की चार पंक्तियां दिनांक 15 अक्टूबर 2023 तक डाक, ई-मेल द्वारा लिख कर भेजें। एक प्रविष्टि को पुरस्कृत किया जाएगा। पुरस्कृत प्रविष्टि को 200 रु- पुरस्कार राशि भेजी जायेगी।
अक्टूबर अंक का विषय है-
‘मिल जुल कर त्यौहार मनाएँ———–’
भेजने की अंतिम तिथि 15 सितम्बर 2023 है। अन्य चुनींदा प्रविष्टियों केे नाम के साथ सम्पादित अंश भी प्रकाशित किए जाएंगे।