दसवीं/बारहवीं की परीक्षा के बाद असमंजस की स्थिति से बाहर निकले विद्यार्थी
अगस्त, 2023
स्वाधीनता विशेषांक
लेख मनु भारती
वर्ष का नया सत्र प्रारंभ होते ही विद्यार्थियों में भविष्य के लिए असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, कि वह दसवीं के बाद किस दिशा में जाएं। यह स्थिति उस समय और पेचीदा बन जाती है जब विद्यार्थी की रुचि जाने बिना उस पर दबाव बनाया जाता है कि तेरी बुआ की लड़की ने मेडिकल लिया है तू भी मेडिकल ही ले या वर्मा जी के बेटे ने नॉन मेडिकल लिया है, उसकी मां कह रही थी कि वह इंजीनियर बनेगा तो तू भी तो इंजीनियर बन सकता है। देश की अथवा हमारे आफिस में शर्मा जी की बेटी ने कॉमर्स लिया है वे बेटी को सी-ए- बनाना चाहते हैं। ऐसे में विद्यार्थी इतना उलझ जाता है कि वह यह निर्णय ही नहीं कर पाता कि वह रिश्तेदारों, पड़ोसियों के हिसाब से अपनी दिशा तय करे या घर वालों के कहने पर अथवा अपनी रुचि के अनुसार। वास्तव में अप्रैल माह में दसवीं की परीक्षा देने के बाद विद्यार्थी इस उधेड़बुन में लगा रहता है कि वह किस स्ट्रीम में अपना कैरियर बनाये। कृपया परीक्षा परिणाम आने से पहले ही विद्यार्थी पर अनेक प्रकार के दबाव रहते हैं किन्तु ऐसे में विद्यार्थी को यही उक्ति अपनानी चाहिए कि सुनो सबकी करो अपने मन की।
किसी भी निर्णय को लेने से पहले विद्यार्थी सभी विषयों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करे। उसके आजकल गूगल सर्च इंजन का प्रयोग इस कार्य को आसान बना देता है। पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद किस विषय पर हमारी कितनी पकड़ है, हमारी रुचि किस ओर है तथा हम भविष्य में बनना क्या चाहते हैं, इन सब बातों पर विचार विमर्श अत्यंत आवश्यक है।
दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा देकर रिजल्ट आने के बाद ही हम सही निर्णय ले पाते हैं कि हमारे रिजल्ट के अनुसार कौन सी स्ट्रीम हमारे लिए उपयुक्त रहेगी।
अगर आपको साहित्य पढ़ने में, इतिहास, राजनीति शास्त्र आदि में रुचि है तो आपको आर्ट्स स्ट्रीम के विषय लेने चाहिए। आगे जाकर एक अच्छे पॉलीटिशियन, वकील, कोर्ट जज बन सकते हैं। और आप हिंदी, संस्कृत के प्रोफेसर, पॉलिटिक्स में प्रवेश, प्रशासनिक सेवा, वकील, समाज सेवा कर सकते हैं।
आर्ट्स के बाद में जो दूसरी स्ट्रीम है वह है कॉमर्स। इसे आर्ट्स से कुछ ज्यादा महत्व दिया जाता है क्योंकि इस स्ट्रीम के लिए आपको 10 वीं कक्षा में 60 प्रतिशत के करीब अंक लेने होते हैं। यदि आपको बैंकिंग में रुचि है या फिर आप सीए बनना चाहते हैं या फिर आगे जाकर कंप्यूटर की पढ़ाई करनी है तो यह सब्जेक्ट आपके लिए है। इस सब्जेक्ट को करने के बाद आप बैंक में मैनेजर, अकाउंटेंट इत्यादि बन सकते हैं। तो अगर आप इन सब में रुचि रखते हैं तो आप इस सब्जेक्ट का चुनाव कर सकते हैं। कॉमर्स का चुनाव करने के बाद अकाउंटेंसी, इकनॉमिक्स मैथमेटिक्स इंग्लिश आदि विषयों की पढ़ाई करनी होती है।
दसवीं के बाद साइंस सब्जेक्ट वही बच्चे लेते हैं जिन्हें आगे जाकर इंजीनियर, डॉक्टर, साइंटिस्ट बनना है तो आप इस सब्जेक्ट का चुनाव कर सकते हैं। दसवीं कक्षा के बाद साइंस सब्जेक्ट के दो भाग हैं, पहला है मेडिकल और दूसरा है नॉन मेडिकल। तकनीकी में रुचि रचाने वाले दसवीं के बाद नॉन मेडिकल लेने का विचार कर सकते हैं। अगर आपको डाक्टर बनना है तो आपको मेडिकल साइंस चुनना होगा, जहां आपको मैथ्स की जगह जीव विज्ञान पढ़ाया जाता है और अगर आपको इंजीनियर बनना है तो नॉन मेडिकल साइंस चुनना होगा जिसके लिए फिजिक्स कैमिस्ट्री व मैथ्य पढ़ने होते हैं। इसमें हम कम्प्यूटर बायोटेक्नोलॉजी आदि विषय भी ले सकते हैं।
यदि आप दसवीं के बाद स्कूल जाने की बजाय प्रोफेशनल कोर्स करना चाहते हैं तो ऐसे बहुत से संस्थान हैं जो आपको 10 वीं के बाद डिप्लोमा कोर्सेस करवाते हैं जो कि आपको जल्दी जॉब दिलवाने में मदद करते हैं।
विज्ञान वर्ग में नॉन मेडिकल के विद्यार्थी ज्यादातर इंजीनियरिंग की ही तैयारी करते हैं। लेकिन उनके लिए सिर्फ इंजीनियरिंग ही कैरियर नहीं है। विद्यार्थी शिक्षण, सेना, मर्चेंट नेवी, फील्ड आफिसर जैसे विभिन्न क्षेत्रें में जाकर अपना कैरियर बना सकते हैं।
यदि छात्र मेडिकल में कैरियर बनाना चाहते हैं तो उन्हें उच्च अंकों के साथ 10$2 पास करनी होगी और पीसीबी में कम से कम 55 प्रतिशत का कुल स्कोर प्राप्त करना होगा। अगला कदम एनईईटी है, एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा जो भारतीय मेडिकल स्कूल (एमबीबीएस) के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करती है। 12वीं नॉन मेडिकल के बाद कुछ आकर्षक कोर्स हैं जैसे बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग/बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक/बीई), बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर (बीएर्क), बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) आदि।
अतः सभी स्ट्रीम की पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद यदि विद्यार्थी अपनी रुचि के अनुसार स्वेच्छा से आगे बढ़ते हैं तो सफलता उनकी प्रतीक्षा में अवश्य ही खड़ी रहेगी।