कविता अ. कीर्ति वर्द्धन
अप्रैल 2023
शिक्षा विशेषांक
इतिहास की परतें खुलेंगी धीरे-धीरे,
सत्य से धूल की चादर हटेगी धीरे-धीरे।
ली है अभी अंगड़ाई हिन्दू ने थोड़ी थोड़ी
नींद से भी जागेगा सनातन धीरे-धीरे।
क्या-क्या लिखा इतिहास में, किसने लिखा,
हारे सिकन्दर का गौरव गान, किसने लिखा?
किसने बताया भारत को, अनपढ़ गँवारों का देश,
भूखा नंगा पिछड़ा था भारत, किसने लिखा?
ज्ञान का था केन्द्र भारत, विश्व जान रहा है धीरे-धीरे
विज्ञान की पराकाष्ठा यहां, पहचान रहा है धीरे-धीरे।
सभ्यता विकसित हुई सर्वप्रथम जहां, वह भारत था,
अध्यात्म से जीवन मृत्यु आत्मा, मान रहा है धीरे-धीरे।
किसने बताई सूर्य की दूरी है कितनी,
हनुमान चालीसा में लिखी बस उतनी।
अग्नि बाण परमाणु मिसाईल की खोज
रामायण महाभारत में लिखी बात इतनी।
देखिए जाकर सभी सनातन मंदिरों में,
हजारों साल पहले उकेरे चित्र मंदिरों में।
गर्भ में भ्रूण प्रत्येक माह की प्रगति क्या,
सदियों पहले विश्व को दिखाया मंदिरों में।
मुगलों ने जलाया साहित्य, कुछ ले गये,
अंग्रेजों ने मिटाया सच, झूठ सब दे गये।
आजादी के बाद सत्ता ने खेला खेल घिनौना,
सनातन को बिसराकर, जातियों में खो गये।
हट रही हैं झूठ की चादरें, सत्य से धीरे-धीरे,
बढ़ रहा धर्म-अध्यात्म का परचम धीरे-धीरे।
कब तलक सूरज पर धूल, कोहरे की चादर रहेगी,
रात ढल रही, हो रही रोशनी सुबह की धीरे-धीरे।