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Homeस्तंभसमस्यापूर्ति जुलाई अंक का विषय-‘योग अपनायें रोग भगायें’

समस्यापूर्ति जुलाई अंक का विषय-‘योग अपनायें रोग भगायें’

पुरस्कृत
आसन, योग, प्राणायाम की महत्ता,
शास्त्रें में ट्टषियों ने गाया।
नित दिन योगाभ्यास के द्वारा,
अपने तन, मन को स्वस्थ बनायें।
दीर्घायु जीवन के हित में
योगासन व्यायाम अपनायें।
सुखमय जीवन जीना है तो,
योग अपनायें, रोग भगायें।।
-सियाशरण प्रसाद, नूरसराय (नालन्दा)

अन्य चुनींदा प्रविष्टियां


योग अपनावें, रोग भगावें
मंहगी दवाओं से मुक्ति पावें
योग सब रोगों की है दवा
उसके साथ हो फिर शुद्ध हवा।
योग को अब विश्व अपना रहा
21 जून ‘योग दिवस’ मनाया जा रहा।।
बिना मूल्य तन मन को शुद्ध करें
योग अपना कर रोगों को दूर करें।।
-गोकुल चंद गोयल, सवाई माधोपुर

आलस्य को हमेशा मन से हटाएं,
दृढ़ निश्चय कर फिर योग अपनायें,
जीवन शैली सुधारें और रोग भगाएं,
गौ माता के सदैव हितैषी बन जाएं।’
-अशोक कामरा, सोनीपत (हरि-)
भारतीय संस्कृति की पहचान योग
ट्टषि मुनियों की जीवन पद्धति योग
यम, नियम आसन प्राणायाम
पत्याहार धारणा, ध्यान और समाधि
तन मन चित्त को शुद्ध स्वस्थ बनाएं
योग अपनाएं रोग भगाएं
योग साधना को परिपक्व बनाएं।।
-सुरेश चन्द्रा, शिवलिक नगर, हरिद्वार (उ-प्र-)

जीवन में नव ऊर्जा पाएँ।
योग अपनाएं, रोग भगाएँ।
अपना तन-मन स्वस्थ बनाकर
शक्ति, आत्मविश्वास जगाएँ।
स्वास्थ्य ही अमूल्य धन होता
बुरी लतों से इसे बचाएँ।
योगासन, अभ्यास नित्य कर
चिंता, दुःख, तनाव मिटाएँ
-गौरी शंकर वैश्य ‘विनम्र’, लखनऊ

भारत विश्वगुरु कहलाया
योग का परचम लहराया
भारतीय संस्कृति है योग
स्वस्थ जीवन की नींव है योग
योग अपनाएं रोग भगाएं
यह मूल मंत्र जीवन में लाएं
स्वस्थ भारत का निर्माण कर
राष्ट्र को सफल समृद्ध बनाएं
-शिखा अग्रवाल, देहरादून

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