छोटी बहन
मंगल ने आज फिर कालेज रोड पर अपने साथियों के साथ लड़कियों पर फब्तियां कसना शुरु कर दिया। कभी ये साथी किसी अन्य कॉलर्स छात्रओं का दुपट्टा खींच देते, कभी बाजू। मंगल ने भी आगे बढ़कर चार पांच के समूह में आ रही एक छात्र की जैसे ही बाजू पकड़ी लड़की हैरान होते हुए तुरंत बोली-मंगल भैया! उसने जैसे ही मुड़कर लड़की की आवाज सुनी, सामने उसकी छोटी बहन थी। मंगल खड़ा खड़ा मानो वहीं गड़ गया।
-डॉ- उमेश प्रताप वत्स, यमुना नगर (हरि-)
हेमा
एक दिन मेरी पत्नी बड़े गुस्से में मुझसे बोली जब भी तुम्हें हेमा का फोन आता है तो चाहे सुबह हो या शाम, दिन हो या रात आप तुरन्त तैयार होते हो और घर से निकल जाते हो। सच-सच बताओ ये हेमा कौन है?
मैंने हंसते हुए उसे बताया कि मैंने अपने स्कूल के हेडमास्टर साहब का मोबाइल में शार्ट नेम ‘हेमा’ सेव कर रखा है। यह सुनते मेरी बहन और मां हंसने लगी, जबकि श्रीमती जी झेंप कर कमरे में भाग गई।
-अविनाश चंचल, जहानाबाद (बिहार)