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मीठे लागें बोल

स्तम्भ

अपनी चोटी मार दी
एक बार मैं अपने 3 वर्षीय भांजे बॉबी को अपने साथ लेकर बाजार गयी। रास्ते में चलते हुए एक गाय ने बॉबी को अपनी पूंछ मार दी। तब वह फौरन यह कहने लगा, ‘मौसी गाय ने अपनी चोटी मार दी।’ अब भी उस घटना के स्मरण होते ही अनायास हंसी आ जाती है।
-करुणा अग्रवाल, पटना

रोता हुआ बच्चा
एक बार हमारी छोटी बहिन रश्मि ने हमारे छोटे भाई को रोते देख कर एक प्रश्न किया, ‘सिद्ध करो कि बच्चे को पानी की प्यास लगी है?’ और फिर स्वयं ही इसका उत्तर देने लगी, ‘हमने एक रोता हुआ बच्चा लिया। फिर उसे पानी पिलाया। पानी पिलाते ही बच्चे ने रोना बंद कर दिया। इससे सिद्ध होता है कि बच्चे को पानी की प्यास लगी है।’ उसकी इस बात को सुनकर हम सभी के साथ छोटा भाई भी हंस पड़ा।
-दृष्टि भंडारी, रोहिणी, दिल्ली

मम्मी बन जायेंगे
एक बार मैंने पान मंगाया। मेरी बेटी अर्चना रोने लगी, ‘हम भी पान खायेंगे। मैंने कहा, ‘छोटे बच्चे पान नहीं खाते हैं।’ अर्चना बोली, ‘आप क्यों खाती हो?’ मैंने कहा ‘हम तो आपकी मम्मी हैं।’ ‘फिर हम भी आपकी तरह मम्मी बन जायेंगे तब तो हमें पान खाने दोगी?’ अर्चना ने पूछा। हम सब उसकी बात को सुनकर हंसते-हंसते लोटपोट हो गये।

-गरिमा जयसवाल, लखनऊ

प्रस्तुत स्तंभ के लिए आप भी अपने अनुभवों को भेज सकते हैं। प्रकाशित संस्मरण को 100 रु. दिया जायेगा। संस्मरण इस पते पर भेजें-जाह्नवी, डब्ल्यू जेड-41, दसघरा नई दिल्ली-12

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