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बाल सम्पादकीय

बाल जाह्नवी

अप्रैल, 2023 शिक्षा विशेषांक

प्रिय बाल वृन्द,
आप अब परीक्षा परिणाम के बाद नई कक्षा में आ गए हैं, आपको बधाई।
जीवन के प्रति शास्त्रें का संदेश है ‘चरैवेति चरैवेति’ अर्थात् चलते जाओ, बढ़ते जाओ। जब जीवन में गति होगी तो जीवन स्वस्थ रहेगा और आनन्दमय होगा। संसार में, प्रकृति में, गृह नक्षत्रें में सब में गति है जहां गति रूकती है, शरीर मृत हो जाता है, ठहरा हुआ पानी भी सड़ जाता है। प्रकृति में भी कहीं रूकावट आती है तो विस्फोट हो जाता है।
अतः चलते जाओ, बढ़ते जाओ।
अब दूसरा प्रश्न है कि आप चल रहे हैं, उदेश्य सामने रखोगे तो आपकी गति भी सुचारू होगी और ठीक दिशा में होगी।
आप विचार कर लें कि कहीं आप एक ही स्थान पर कदम ताल तो नहीं कर रहे। अपने पूर्व राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम जी ने कहा था, ‘ऊंचा उद्देश्य रखो।’ जितना उद्देश्य ऊंचा होगा, उतनी आपकी आन्तरिक शक्तियां जागेगी और यदि मन बुद्धि सब का सहयोग लिया तो आप का जीवन सफल भी होगा और आनन्दमय भी होगा।
स्नेही
बाल संपादक

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