कविता ऋषभ कुमार मुरडि़या
मार्च, 2023
नवसंवत विशेषांक
नवसंवत्सर शुभागमन पर,
करते हम अभिनव अभिनन्दन।
सृष्टि सृजन का प्रथम दिवस यह
करते हम नित नित वन्दन।
कर पावन स्वागत नव प्रभात का,
अर्पित रोली कुमकुम चन्दन।।
भगवान राम ने राज्याभिषेक का
पाया गौरवशाली दिन पावन।
हेडगेवार का जन्म दिवस यह
उस महापुरुष का करें नमन।।
आत्म-गौरव की पहचान संवत्सर
करते हम नित इसका अभिवादन।
ऋतु बसंत की छटा निराली
करते नववर्ष धरा अभिनन्दन।।
खुशहाली का पर्व आराधक
मिट जाय सब जीवन के क्रन्दन।
प्रेम सौहार्दता की अविरल रश्मि से
गल जाय सब कलुषित बन्धन।।
विश्व शान्ति की लिए कामना
चहुं ओर आल्हादित स्पंदन।
नव संवत नववर्ष मनाएं
मां भारती के सच्चे नन्दन।।
शुभ्र भावनाओं से आप्लावित बन,
करते हम वन्दन-अभिनन्दन।