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जीवन का आनन्द

प्रेरक प्रसंग अप्रैल, 2023 शिक्षा विशेषांक


अमेरिका के एक राष्ट्रपति हुए हैं श्री वुडरो विल्सन। वे अमरीकी जनता को बहुत प्यार करते थे। जनता की दशा का पता लगाने के लिए प्रायः सादे वेश में घूमते थे।
एक दिन वे घोडे़ पर सवार अमेरिका की राजधानी वाशि्ांगटन में घूमने निकले। साथ में केवल एक विश्वासपात्र अंगरक्षक था। वह उनसे काफी पीछे घोड़े पर आ रहा था। मार्ग में राष्ट्रपति को एक बारह तेरह वर्ष का नटखट छोकरा मिला। उसने राष्ट्रपति की ओर देख कर मुंह चिढ़ा दिया। राष्ट्रपति ने अपना घोड़ा वहीं रोक दिया। थोड़ी देर बाद उनका अंगरक्षक भी आ पहुंचा। पास आते ही राष्ट्रपति ने उससे पूछा-‘जानते हो, उस छोकरे ने मुझे देख कर क्या किया?’ ‘नहीं श्रीमान।’ अंगरक्षक डर कर बोला। ‘उसने मेरी ओर देखकर मुंह बनाया था।’ राष्ट्रपति ने बताया। अंगरक्षक को काटो तो खून नहीं। उसने छोकरे की खोज में इधर-उधर दृष्टि दौड़ायी। किन्तु वह तो कभी का छू मन्तर हो चुका था। राष्ट्रपति ने फिर कहा-‘जानते हो मैंने क्या किया?’ ‘नहीं श्रीमान।’ अंगरक्षक ने उत्तर दिया। ‘मैंने भी उसकी ओर देखकर बिल्कुल वैसा ही मुंंह बना दिया।’ राष्ट्रपति बोले। अंगरक्षक को हंसी आ गयी।
छोटी मोटी क्रोध उत्पन्न करने वाली बातों पर मुस्कराने की कला में ही जीवन का आनन्द है।
प्रस्तुति दीनानाथ बत्रI

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