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क्यों और कैसे बचाएं वर्षा जल

सितम्बर, 2023
राष्ट्रभाषा विशेषांक

लेख
डा. पी. सी. जैन

हमें यह जानना आवश्यक है कि हमारे अनियंत्रित भूजल दोहन से देश के कई जिलों में भूजल स्तर गिर कर समाप्ति पर है। दूसरी ओर भूजल के प्राकृतिक रूप से भरने के सभी रास्ते हमने बंद कर दिए हैं। घर के बाहर गली में वाल टू वाल सड़क बना दी है और घर के अंदर भी पक्का फर्श कर रिचार्ज के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। ऐसे में भूजल में वर्षा जल कैसे जा पायेगा?
एक अनुमान के अनुसार उदयपुर में 15 बोरवैल नित्य खुद रहें हो तो महीने के 4500 होंगे। संभवत एक भी बोरवेल में रिचार्ज सिस्टम नहीं लगता है।

कृत्रिम रिचार्ज की
एक सहारा

अपने भवनों की छतों पर गिरने वाले वर्षा जल को एक फिल्टर के माध्यम से इस भूजल स्त्रेत से रिचार्ज करने पर ही भूजल स्तर बढ़ेगा और उसकी भी गुणवत्ता बढ़ेगी और बिजली खर्च भी घटेगा।

‘कितना पानी बचेगा?’
बचेगा 20 लाख रुपये का पानी
1 हजार वर्ग फीट की छत पर एक सेंटीमीटर वर्षा होने पर एक हजार लीटर पानी हर जल स्त्रेत में जाता है। मान लें दो हजार वर्ग फीट की छत पर 50 सेंटीमीटर वर्षा होती है तो एक लाख लीटर पानी बचेगा जिसका बाजार मूल्य 20 लाख रुपये होगा।

और भी कई लाभ
1- जल स्तर ऊपर उठने से बिजली का खर्च कम होगा।
2- गीजर, शावर, नल, फिल्टर बार-बार खराब नहीं होंगे।
3- सफेद कपड़ों पर दाग नहीं पड़ेंगे।
4- बाल टूटने की समस्या कम होगी।
5- त्वचा की बीमारियां कम होगी
6- जल जनित बीमारियां जैसे फ्रलोेरोसिस इत्यादि नहीं होगी।
7- गली-गली में पानी नहीं भरेगा और बाढ़ जैसी स्थिति नहीं बनेगी।
8- भावी पीढ़ी का जल-बीमा हो जाएगा।
9- भूगर्भ जल का वाष्पीकरण नहीं होता है।
10- यह भूगर्भ जल बड़े क्षेत्र की वनस्पति को नमी प्रदान करता है। अतः हमें इस वर्षा जल को व्यर्थ नहीं बह जाने देना चाहिए। और वर्षा काल में वर्षा जल का संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए।

कैसे बचाएं वर्षा जल-रूफ
टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग

छत से गिरने वाले नाल्दों को एक पाइप से जोड़ देवे जैसा कि चित्र में दिखाया गया है फिर इस पाइप को नीचे से खुला रखें ताकि पहली और दूसरी वर्षा के साथ छत की गंदगी इस पानी के साथ बाहर बह जाये, इस पानी को हम पेड़ पौधों में भी डाल सकते हैं। फिर इस पर लगे वाल्व को बंद कर दें ताकि अब आने वाला वर्षा जल ऊपर जाकर देवास वाटर फिल्टर के माध्यम से हमारे जल स्त्रेत (बोरवेल, हैण्ड पंप, कुंआ, बावड़ी) में जा सके और उसको रिचार्ज कर सके।
यह एक सस्ती, सरल, सहज न्यूनतम रखरखाव वाली तकनीक है जो पिछले 25 वर्षो से सफलतापूर्वक उपयोग में ली जा रही है।

सावधानियां
1- छत पर पेड़ पौधे और कबाड़ नहीं रखना चाहिए।
2- इस हेतु छत की समय-समय पर साफ सफाई करते रहना चाहिए ताकि शुद्ध वर्षा जल ही जल स्त्रेत में जावे।
3- छत के नाल्दो के अंदर झाली लगा देवे ताकि पत्ते इत्यादि अंदर नहीं जा सके।
4- वर्षा पूर्व पानी डालकर पाइप के बीच जॉइंट चेक कर लेवे कहीं जॉइंट लीक नहीं हो रहा हो।
5- किसी प्रकार का घातक रसायन से भूजल प्रदूषित नहीं हो इसका ध्यान रखें।
आकाश पानी रोकेंगे-पाताल
पानी बढ़ाऐंगे
वर्षा जल को बचाकर बच्चों का पानी बीमा कराएंगे।
डॉ. पी.सी.जैन, एम.बी.बी.एस.
WATER HERO Award by Central Government 2020
राजस्थान पत्रिका विभूति सम्मान, 2020
National I.M.A.Award 1914
State Danik Bhaskar Jal Star Award
Best Environment Worker, Rotary Club
3, अरविन्द नगर, सुन्दरवास, उदयपुर
मोबाइल 9413062690

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