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एक सेब रोज खाइये डॉक्टर को घर न बुलाइये

लेख नेहा श्रीवास

सेब को खूब चबाकर खाया जाये तो वह दांत और मसूढ़ों के लिए ऐंटीसेप्टिक का कार्य करता है।

यदि खाली पेट दो सेब प्रतिदिन खाये जाये तो कभी कब्ज की शिकायत नहीं होता।

अप्रैल 2023
शिक्षा विशेषांक

एक सेब नित्य खाइये और कभी वैद्य डाक्टर को घर न बुलाइये-यह कहावत ही इतना सिद्ध कर देने के लिए पर्याप्त है कि सेब बड़ा गुणकारी फल है।
चीन, बैबीलोनिया तथा मिस्र के साहित्य में अति प्राचीन काल से सेब का उल्लेख मिलता है। बाइबिल में भी कई स्थलों पर इसका उल्लेख आया है तथा प्रस्तर काल के कुछ शिल्पों में भी इस फल का अच्छा चित्रण किया गया है।
वनस्पति शास्त्र में एक अंग्रेज विद्वान ने इस फल की दो हजार किस्में बताई हैं। उनका कहना है कि हर किस्त के सेब अपने माप, रूप, स्वाद, रंग और गंध में एक दूसरे से भिन्न होते हैं। यों तो साधारण सेब लाल होते हैं, लेकिन हरे और पीले रंग के भी पाये जाते हैं।
सेब फल के
रासायनिक विश्लेषण
वैज्ञानिकों द्वारा इस फल के रासायनिक विश्लेषण से ज्ञात हुआ है कि इसमें 0-3 प्रतिशत प्रोटीन, 0-1 प्रतिशत कैल्शियम 0-1 प्रतिशत, चूना 0-02 प्रतिशत फास्फेट तथा 1-6 प्रतिशत लौह होता है। इनके अतिरिक्त सेब में शर्करा, पोटैशियम, सोडियम, मैग्नीशियम, सल्फर, केरोटीन, थियामीन, रिवोफलैविन तथा विटामिन सी भी पाये जाते हैं। पर शर्करा को छोड़कर अन्य रासायनिक तत्वों की मात्र अत्यल्प है।
स्टार्च का तत्व अधिक होता
कच्चे सेब में
सेब का भोज्य तत्व वस्तुतः उसकी शर्करा में है, क्योंकि सेब में 9 से 12 प्रतिशत शर्करा का अंश पाया जाता है, जिसमें फन शर्करा 60 प्रतिशत और ग्लूकोज 25 प्रतिशत होता है। साधारण गन्ने वाली शर्करा (सुक्रोज) सेब में बहुत कम होती है। सिर्फ 15 प्रतिशत कच्चे सेब में स्टार्च का तत्व अधिक होता है, लेकिन जब सेब पकने लगता है, तो उसका यह सारा स्टार्च शर्करा में परिवर्तित हो जाता है।
एक प्रकार का एसिड भी
होता सेब में
सेब में एक प्रकार का एसिड भी होता है, जिसकी मात्र शर्करा के साथ बढ़ती है। सेब में प्राप्त होने वाले एसिड में यह गुण है कि वह शरीर में शर्करा के समान ही ईंधन के रूप में प्रयुक्त होता है। यह अम्ल तत्व सेब में 0-19 से 1-11 प्रतिशत तक पाया जाता है। उसके अम्ल तत्व में गुण यह भी है कि यदि सेब को खूब चबाकर खाया जाये तो वह दांत और मसूढ़ों के लिए ऐंटीसेप्टिक’ (कीटाणुनाशक) का भी कार्य करता है।
सेब फल में पेट साफ करने का अद्भुत गुण
सेब विटामिन तथा क्षार तत्व प्राप्त करने के लिए भी बड़ा अच्छा साधन है। इस फल में पेट साफ करने का अद्भुत गुण है। यदि खाली पेट दो सेब प्रतिदिन खाये जाये तो कभी कब्ज की शिकायत और अग्निमांध का रोग नहीं होता।
बच्चों की पेचिश में भी
सेब बड़ा हितकारी
बच्चों की पेचिश में भी यह फल बड़ा हितकारी सिद्ध हुआ है। पुरानी पेचिस के रोगी बच्चों को मीठा तथा पका सेब पका कर तथा उसे मल कर अवलेह के रूप में बनाकर देना चाहिए। अक्सर ऐसा देखा गया है कि इसके सेवन से 48 घंटे में ही पेचिश का कष्ट दूर हो जाता है। जर्मनी में तो इस प्रकार की चिकित्सा के रूप में इसका प्रयोग चला आ रहा है।
सेब के गूदे में विटामिन सी
प्रचुर मात्र
कच्चा सेब खाते समय लोग अकसर उसका छिलका फेंक देते हैं, लेकिन छिलके में तथा छिलके के ठीक नीचे के गूदे में विटामिन सी प्रचुर मात्र में होता है। छिलके से दूर के अन्दर के भाग में विटामिन सी का अंश क्रमशः कम होता जाता है। अतः छिलके सहित सेब खाने वाले को मसूढ़े से खून निकलने (स्कीब) का रोग नहीं होता है। केवल विटामिन सी ही नहीं सेब के गूदे की अपेक्षा छिलके में विटामिन ए भी पांच गुना अधिक होता है। अतः छिलके का फैंकना किसी भी रूप में हितकर नहीं कहा जा सकता।
सेब स्वस्थ व्यक्ति के लिए भी स्वास्थ्यकर
सेब केवल रोगियों के लिए ही नहीं, स्वस्थ व्यक्ति के लिए भी उतना ही स्वास्थ्यकर है। शरीर की सारी कमजोरियों को दूर करने की उसमें अद्भुत क्षमता है। फास्फोरस और लौह तत्व प्रधान होने के कारण यह मस्तिष्क और शरीर की मांसपेशियों में शक्ति का संचार कर, उन्हें सुदृढ़ बनाता है।
सेब के उपयोग की एक अच्छी विधि यह है कि दो तीन पके सेब के टुकड़े करके एक तश्तरी में सजाकर रात में किसी ऐसे खुले और सुरक्षित स्थान में रख दें कि उस पर चन्द्र किरणें और ओस पड़ सके। प्रातःकाल उठकर उसका नाश्ता करने वाला व्यक्ति कुछ ही दिनों में अपने स्वास्थ्य में आश्चर्यजनक परिवर्तन अनुभव करने लग जाता है।
सेब अनिद्रा नाशक
औषधि भी
कई बार ऐसा भी देखा गया है कि अनिद्रा के रोगी को सेब खिलाने से नींद आने लगी है। इस प्रकार यह अनिद्रा नाशक औषधि भी है।
दिमागी काम करने वाले बहुत से लोगों को ग्रीष्म ट्टतु में सेब का मुरब्बा प्रयोग करते देखा गया है। उनके अनुभव के आधार पर मस्तिष्क दुर्बल एवं हृदय की कमजोरी की यह अचूक दवा है।
सेब में विटामिन बी काफी मात्र में रहता है। अतः स्वस्थ दशा में सेब का प्रयोग करने से विटामिन ‘बी’ की कमी से होने वाले अनेक रोगों जैसे स्नायु रोग, बैरी, अजीर्ण, शारीरिक, दौर्बल्य तथा दृष्टिमोध के आक्रमणों से बचा जा सकता है।

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